नई पेंशन स्कीम या पुरानी पेंशन स्कीम

धन से जीवन

पेंशन स्कीम्स अब चुनावी मुद्दा बनता दिखाई दे रहा है। नई पेंशन स्कीम या फिर ओल्ड पेंशन स्कीम?ये सवाल अब टूर पकड़ रहा है। 

कुछ राज्य सरकारों ने अपने कर्मचारियों को वापस ओल्ड पेंशन स्कीम के दायरे में ला दिया है। NPS को हटाकर OPS को स्थापित कर दिया है। 

NPS और OPS क्या हैं और उनमें बुनियादी फर्क क्या है? आइए इस पोस्ट में जानें। 

NPS – न्यू पेंशन स्कीम 

सन 2004 में NPS को केंद्र के कर्मचारियों के लिए लागू किया गया। NPS में वेतनभोगियों को अपने सैलरी से 12 पर्सेंट कटवाना होता है और इतना ही अनुदान सरकार वेतनभोगी के फंड में जमा कर देती है। हर महीने। ये 12 पर्सेंट basic + DA के ऊपर कैलकुलेट होता है। अब ये अनुदान सरकार ने बढ़ाकर 14 पर्सेंट कर दिया है। 

फंड में रिटायरमेंट तक अनुदान जमा होगा। फिर उस फंड का रिटायरमेंट होने पर पेंशन भोगी 60% एक मुश्त ले पाएंगे और बाकी 40 प्रतिशत की पेंशन ऐनुटी लेंगे जिससे उन्हें मासिक पेंशन प्राप्त होगी। 

फंड के रख रखाव के लिए पेंशन फंड मैनेजर नियुक्त किए गए हैं। फंड मार्केट से लिंक रहेगा। PFRDA को इसका ट्रस्टी बनाया गया है। 

OPS में कर्मचारी को कुछ भी अनुदान नहीं देना होता है। रिटायरमेंट होने पर आखरी सैलरी जो भी होती है उसका 40 से 50 पर्सेंट उनकी पेंशन बनती है। 

OPS और NPS के बीच अंतर

OPS और NPS के बीच में कई अंतर सामने आए हैं। आइए एक एक करके सभी को जानें और समझें। 

  1. OPS में कितनी पेंशन मिलेगी, ये बात फिक्स हैं। आपको रिटायरमेंट होने पर कम से कम 40 पर्सेंट से 50 पर्सेंट मिलेगा। NPS में क्योंकि फंड मार्केट से लिंक है, कितना मिलेगा ये मार्केट की स्थिति पर डिपेंड करेगा। 
  1. OPS में समय समय पर जिस तरह वेतन भोगियों को DA मिलता है, वैसे ही पेंशन धारियों को भी DA मिलता है। और जब कभी नया वेतनमान लागू होता है, पेंशन धारियों को भी इसका बेनिफिट मिलता है। 
  1. NPS में डिफाइंड कंट्रीब्यूशन का सिद्धांत लागू होता है जहां आपका एंप्लॉयर आपको सर्विस पीरियड में कंट्रीबाइट करेगा। उसके बाद उसकी कोई भी जवाबदेही नहीं रहेगी। 

वहीं OPS डिफाइंड बेनिफिट के सिद्धांत पर आधारित है जिसमे आपको आपका एंप्लॉयर जीवन पर्यंत बेनिफिट देने के लिए बाध्य है। महंगाई भत्ता (DA) और नया वेतनमान इत्यादि।

जैसे कि हम देख पा रहे हैं कि NPS को लागू किए 20 साल होने को हैं और NPS में रिटायरमेंट होने शुरू हो गए होंगे या अब होंगे। अभी NPS से कुछ खास फायदा पेंशन धारी को नहीं दिख रहा है। 

उसे पता नहीं है कि जो इसे पेंशन मिलेगी क्या वो महंगाई को एडजस्ट कर पाएगी? क्या जो मार्केट से रिटर्न आएगा वो पर्याप्त होगा? 

रिटायरमेंट की उमर में सभी निश्चितता चाहते हैं। इसलिए जो भी मिले उसकी पहले से कोई गारंटी मिले ताकि लोग अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग कर लें।