इंसान दिल से अमीर होता है , पैसों से नहीं

धन से जीवन

बात उन दिनों कि है जब मैं एक ऐसी बैंक ब्रांच में काम किया करता था जहां पर मैं Mutual Funds को लेकर काफी एग्रेसिव था| मैंने कुछ ही समय पहले अपना AMFI certification पास किया था और मैं ये जान कर बेहद जोश में था कि mutual funds में invest करने से हम अच्छे returns पा सकते हैं|

उन दिनों मैंने एक ऐसे ग्राहक से मुलाकात की थी जिसने सबसे ज्यादा invest किया था और उनकी वजह से मुझे mutual funds में बेहतरीन performance के लिए इनाम से नवाज़ा भी गया था| इसलिए वो मुझे याद रह गए| मगर जब आप उनकी रोचक कहानी जानेंगे तो आप भी उन्हें याद रखेंगे|

भाई साब बैंक में अपना कोई छोटा मोटा काम कराने आये थे| उनको शायद पासबुक प्रिंट करानी थी| बैंक में आज भी लोग अपनी पासबुक को लेकर काफी भावुक रहते हैं| और हों भी क्यूँ ना: पासबुक में ही तो सारा हिसाब लिखा रहता है कि बैंक में कितने पैसे जमा हैं|

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हालाँकि लोगों को अब इन्टरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग जैसे नए तरीके अपनाने चाहिए| सिर्फ अपनी साइबर सुरक्षा का ध्यान रखें|

तो वो सज्जन अपनी पासबुक लेकर पासबुक प्रिंटिंग काउंटर में गए होंगे| और जब अपनी पासबुक प्रिंट करवाए बिना लौटे तो सीधे मेरे पास आये होंगे| उन्होंने शिकायत की, “सर मेरी पासबुक प्रिंट नहीं हो रही है| वो कहते हैं कि कल आओ|”

मैंने उनको बिठाया और कहा थोडा रुकिए मैं देखता हूँ| वो बैठ गए शांति से और इंतज़ार करने लगे| मुझे लगा था कि शायद कुछ देर बैठकर चले जायेंगे लेकिन वो वहाँ से टेल नहीं| और वहीँ बैठे रहे|

काफी देर हो गई मैं एक लोन की फाइल में डूबा हुआ था| जब उस फाइल से बाहर निकला तो होश आया कि मैंने इन सज्जन को रुकने के लिए कह दिया था| और काफी देर हो गई थी| मगर ये तो इस तरह शान्ति से बैठे रहे कि मुझे पता ही नहीं चला| अक्सर बैंकर्स को ऐसे ग्राहक दर्शन को नहीं मिलते|

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उनके इस व्यवहार ने मेरा मन जीत लिया| मैंने फ़ौरन कहा, “सॉरी सर, वो ज़रा एक लोन कि फाइल में फंस गया था| बताइए क्या काम था?”

“नहीं सर, कोई बात नहीं!”

“मुझसे अब उनकी हेल्प किये बिना रहा नहीं गया और मैंने उनसे कहा कि पासबुक प्रिंटिंग तो नहीं हो पा रही लेकिन लाइए मैं आपकी स्टेटमेंट निकलवा देता हूँ|”मेरी इस बात को सुनकर उनका चेहरा चमक उठा| दोनों हाथ जोड़ने लगे!

मैंने उनकी पासबुक ली और उनको पासबुक प्रिंट करके दे दी| फिर मैंने उनके खुश मिजाज़ को देखते ही सोचा “इनसे भी पूँछ लूँ| हालंकि दिख तो नहीं रहे कि mutual funds के NFO में invest करेंगे|” फिर भी बैंक में रहकर मैंने एक बात सीखी है कि आप किसी को भी कम आंकने की गलती कभी ना करें|

“सर आप mutual funds में invest करेंगे?”

वो क्या होता है| उन्होंने हैरान हूकर पूंछा| मैंने फिर उनको mutual funds के बारे में बताया| वो शौनक तो ऐसे रहे थे कि कितना पैसा invest कर देंगे मगर उनकी शकल और वेश भूषा देखर यही लग रहा था कि वो शायद लाख भर भी कर दें तो बड़ी बात होगी| अक्सर ऐसे दिखने वाले ग्राहक अंत में सब कुछ सुनकर यही कहते हैं कि “ठीक है सर, मैं फिर आता हूँ!”

मगर उन्होंने कहा “ठीक है सर! कर दीजिये!”

“कितने?” मैंने पूंछा

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वो बोले कि जितना भी बैंक बैलेंस हो उसमे से 50 हज़ार छोड़कर पूरा लगा दीजिये| तब मैंने सोचा कि चलो इनती मेहनत से बताया तो कुछ तो मिला| फिर मैंने उनसे उनकी पासबुक मांगी और खाता नंबर देखकर उसे अपने सिस्टम में पंच करने लगा| मेरी आखें फटी की फटी रह गईं| क्या आप बता सकते हो वो साधारण से दिखने वाले सज्जन के बैंक अकाउंट में कितने पैसे रहे होंगे|

27 लाख रुपये|

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मुझे भरोसा नहीं हुआ| मुझे लगा शायद मैंने गलत अकाउंट नंबर पंच कर दिया है| फिर मैंने चेक किया और नाम भी मैच किया तो पाया कि सब कुछ बिलकुल सही बोले थे हामरे प्रिय ग्राहक| लेकिन मैंने उनसे फिर से रकम पर उनकी मर्ज़ी जाननी चाही और उन्होंने यही कहा “हाँ सर, 26 लाख लगा दीजिये|

कुछ लोगों को पहचान लेना सह्मुच मुश्किल होता है| बाद में पता चला कि वो सज्जन बिजली बोर्ड में बाबु थे| लेकिन कभी ज़माने में labour category में ad hoc पे चयन हुआ था| कह सकते हैं ठेके पे थे| फिर वो कुछ सालों बाद पक्के में हो गए थे|

थोडा और वो खुले तो पता चला कि पोश इलाके में उनके पास एक शानदार 3 BHK डुप्लेक्स भी है| मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने कह दिया , “सर आप लगते नहीं कि इतनी प्रॉपर्टी आपके पास होगी| आप रहते कहाँ हो”

“सर, इसमें शायद आप यही कहना चाह रहे हैं कि मैं इतना सिंपल गाँववाले जैसा क्यूँ रहता हूँ| सरजी मैं कभी मजदूर में भारती हुआ था और ये तो किस्मत है कि मेरे पास इतने पैसे आ गए| मगर मुझे अपना गाँव और वहाँ की देहाती ज़िन्दगी ही पसंद है|”

और उसके जाते जाते यह पता लगा कि उनका 3 BHK डुप्लेक्स किराए पे उठा हुआ है और वो खुद एक कच्चा मकान में रहते हैं| और इसके लिए उनको कोई शिकायत नहीं| वो वहाँ बेहद ख़ुशी के साथ अपने माँ बाबूजी के साथ रहते हैं|

तब मैंने उनसे कुछ धन से जुड़े सबक सीखे जो मेरे साथ आज भी हैं:

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  1. ज़िन्दगी में शो ऑफ से आप अमीर नहीं बनते| यदि आपके पास पैसे आयें तो यूज़ invest करें|
  2. invest करने से पीछे ना हटें| उनको जैसे ही मेरी स्कीम समझ आई उन्होंने 26 लाख तुरंत invest कर दिए| हम अपने पैसों से इतना मोह करते हैं कि बार बार सोचते हैं कि नुकसान ना हो जाए| यह नहीं सोचते कि फायदे भी तो हो सकते हैं | यदि रिस्क लेंगे तभी फायदा होगा|
  3. सिंपल लाइफ आजादी और मज़ा दोनों देता है और आपको स्टेटस और आपको इज्ज़त तो जब लोगों को आपकी औकात पता चल जाता है तो मिल ही जाती है|
  4. इसलिए दिखने में नहीं, बनने में ध्यान लगाओ |

शायद वो अनोखे न होते तो याद न रह जाते| इससे मैंने ये सीखा कि आपकी सादगी आपकी शानों-शौकत से ज्यादा आकर्षक होती है|