Category: टैक्स

  • 15g/h फॉर्म क्या होता है और क्यूँ भरें

    15g/h फॉर्म क्या होता है और क्यूँ भरें

    मैं अक्सर एफडी(FD) किया करता हूँ| मैं उस दिन खुश था ये सोचकर कि ऍफ़ डी में पैसे डालकर मेरी अच्छी खासी सेविंग्स होती रही हैं| बैंक एफडी बढ़िया स्कीम है| बैंक ऍफ़डी पर ब्याज भी बढ़िया मिल जाता है| जरूरत पड़ने पर अपनी एफडी को तोड़कर जब चाहे पैसे भी निकाल लें।

    मैं खुश था ये बात सोचकर की मेरी अच्छी सेविंग्स होती जा रही हैं। मगर फिर मुझे एक दिन पता चला की ऍफ़डी करने पर मुझे इस तरफ नुकसान भी हो रहा है! ये मुझे तब पता चला जब मैंने एक दिन अपनी बैंक स्टेटमेंट चेक करी|   

    जी हां!

    आप जो एफडी करते हो उस पर आपको एक टैक्स चुकाना होता है जिसे कहते हैं TDS। तो आइये जानते हैं कि TDS किसे कहते हैं और TDS के टैक्स को कैसे बचाएं| 

    TDS क्या है?

    TDS अंग्रेजी के तीन शब्दों के पहले अक्षर हैं| T का मतलब टैक्स, D का मतलब डिडक्शन और S का मतलब होता है सोर्स| TDS का मतलब हुआ कि जहाँ पर, जिस पॉइंट पर आय मिल रही हो वहीँ पर टैक्स काटकर बाकी इनकम लाभार्थी को देना| जैसे आपने देखा होगा कि आपकी सैलरी कुछ कट कर आती है| बैंक खाते में पूरी सैलरी में से जो कट कर सरकार के पास चला जाता है उसे ही TDS टैक्स कहते हैं|

    इनकम टैक्स के नियम के अनुसार यदि आपकी इनकम सालाना 2,50,000/- रुपये से ज्यादा होती है तो आपको TDS देना पड़ेगा|  यानि कि यदि आपकी इनकम 2,50,000/- तक है तो आपको TDS टैक्स नहीं देना है| 

    बैंक ऍफ़डी पर कितना TDS लगता है?

    बैंक ऍफ़डी पर आपको 40000 हज़ार तक कोई टैक्स नहीं देना होता है|  यानि आपका मूलधन यदि आपको 40,000 रुपये या उससे कम का ब्याज दे रहे हैं तो आपको कोई भी किसी प्रकार का टैक्स नहीं कटेगा|  मगर जैसे ही आप को 40,000 रुपये से ज्यादा ब्याज मिलेगा आपको 40000 से बढ़ी ब्याज राशि पर 10% की दर से TDS कटवाना होगा|

    (यही TDS 10% से बढ़कर 20% हो जायेगा अगर आपके बैंक ऍफ़डी पर आपका PAN नंबर नहीं जुदा है|  इसलिए कृपया इसे भी देख लें ताकि आपको लेने के देने ना पड़ जाएँ)   

    TDS कब कटेगा

    TDS का पैसा बैंक हर तिमाही के अंत में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को जमा कर देती है|  यानि जो भी उस तिमाही में आपने ब्याज कमाया होगा उसका 10% या फिर जैसा भी हो, आपके खाते से काटकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को ट्रान्सफर कर दिया जायेगा|  जैसे पहली तिमाही का TDS 30 जून को कटेगा| वैसे ही दूसरी तिमाही का पैसा सितम्बर के माह में और तीसरे तिमाही का दिसंबर और चौथे और अंतिम तिमाही का TDS मार्च 31 से पहले काटकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को दे दिया जाता है|

    अब हमने तो यही सोचकर पैसे अपनी मैडम के नाम से बैंक एफडी में फिक्स किये थे कि उसमे कोई टैक्स नहीं लगेगा जो कि सही है फिर भी TDS टैक्स जड़ दिया गया बैंक द्वारा हमारी मैडम के एफडी पर|  हम हैरान – ऐसा क्यूँ?  

    15g फॉर्म भरकर TDS बचाएं

    ऐसा इसलिए हुआ हमारे साथ क्यूंकि हमने बैंक में बैंक ऍफ़डी पर 15g फॉर्म नहीं भरा था| जी हाँ – 15g फॉर्म|  15g फॉर्म वो फॉर्म है जिसे हमें भरकर वित्त वर्ष के शुरुआत में ही बैंक में जमा कर देना चाहिए|  ऐसा करने से बैंक ऍफ़डी पर कोई TDS नहीं देना होगा|    

    तब मुझसे बैंक ऍफ़डी पर TDS बचाने के लिए फॉर्म 15g फॉर्म भरवाया गया|

    इनकम टैक्स अधिनियम के अनुसार 15g वो दस्तावेज है जिसे आप भरकर बैंक में जमा कर TDS से छुटकारा पा सकते है| 

    15g Vs 15h

    यहाँ पर आपको मैं ये बता देना चाहता हूँ कि यदि आप साधारण व्यस्क है तो आप 15 g भरेंगे|  मगर यदि आप सीनियर सिटीजन या यूँ कहें कि वरिष्ठ नागरिक हैं तो आपको 15 g की जगह 15 f फॉर्म भरना होगा|  इसलिए यदि आपकी उम्र 60 साल या उससे अधिक हो गई है तो आपको 15h फॉर्म भरना होगा| 

    फॉर्म 15 G का Application Form

    फॉर्म 15 H का Application Form

    आम तौर पर ये फॉर्म्स आपको अपने बैंक के काउंटर पर पूंछने से आसानी से मिल जायेगा| आज कल तो फॉर्म 15 G/H ऑनलाइन भी भरा जा सकता है| फॉर्म भरके जमा करने के बाद उसकी रसीद जरूर रख लें|  |

    फॉर्म 15 G/H कब तक मान्य रहेगा?

    फॉर्म 15 G/H पूरे एक वित्त वर्ष के लिए मान्य रहता है| ध्यान रहे कि वित्त वर्ष 1 अप्रैल से शुरू होकर 31 मार्च को समाप्त होता है| और TDS तीन महीने में एक बार कटेगा| इसलिए यदि आप वित्त वर्ष के मध्य 15g फॉर्म जमा करेंगे तो वो अगले तिमाही से मान्य होगा|   

    कैसे भरें फॉर्म 15g/h

    फॉर्म भरना काफी आसान है| आपको इस फॉर्म में अपनी निजी जानकारी देनी होती है और ये undertaking देनी होती है कि आपकी कोई और आय का श्रोत नहीं है जो आय कर के दायरे में आये| 

    तो फॉर्म को भरने के लिए आपको सबसे पहले तो ये बता दूँ कि पैन कार्ड अनिवार्य है|  साथ ही आपके बैंक अकाउंट की डिटेल्स जैसे बैंक अकाउंट 15g/h नम्बर इत्यादि| 

  • केपिटल गेन अकाउंट क्या होता है (Capital Gain Account in hindi)

    केपिटल गेन अकाउंट क्या होता है (Capital Gain Account in hindi)

    इस ब्लॉग पोस्ट में जानेंगे की केपिटल गेन अकाउंट क्या होता है और इसके क्या फायदे हैं |

    रमेश ने अभी कुछ दिनों पहले अपनी एक प्रॉपर्टी जो दूसरे शहर में थी, उसे बेंच दी है| दूसरे शहर में दिक्कतें आ रहीं थीं| सो अब वो चाहता है कि उसी पैसों से वो अपने खुद के शहर में कोई अच्छी सी प्रॉपर्टी खरीदे|

    लेकिन फिलहाल उसे बेंचने के लिए खरीदार मिल गया और अच्छे दाम मिल रहे थे | तो उसने प्रॉपर्टी निकल दी | और उसे उसके लिए एक मोटी रकम मिली है| इतनी रकम को वो नई प्रॉपर्टी में लगाना चाहता है लेकिन फिलहाल वो प्रॉपर्टी खोज रहा है |

    इस लिए वो चिंतित है कि जो उसके पास इतना बड़ा फंड आया है उसे टैक्स से तब तक कैसे बचाए| तो क्या कोई उपाय है जिससे उसकी ये प्रॉब्लम हल हो सकती है|

    केपिटल गेन क्या है

    तो सबसे पहले जान लेते हैं कि रमेश के पास जो प्रॉपर्टी सेल से पैसा आया उसे Income tax की भाषा में कौन सी इनकम में कैसे categorize करते हैं |

    जब कभी इस तरह से प्रॉपर्टी की सेल करने से पैसे मिलते हैं उसे केपिटल गेन की कटेगरी में रखा जाता है| और केपिटल गेन के ऊपर टैक्स के लिए अलग से नियम हैं|

    इनकम टैक्स के नियम (इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 54 के अनुसार) में एक प्रोविजन ये है कि यदि केपिटल गेन को फिर से प्रॉपर्टी खरीदने में इस्तेमाल करेंगे तो उस पर कोई टैक्स नहिं लगेगा| इसके लिए तब तक आपको ये पैसे एक ऐसे अकाउंट में रखने होंगे जिस पर आपको टैक्स ना लगे|

    इस तरह की जरूरत को पूरा करने के लिए बैंक में केपिटल गईं अकाउंट खोलने की सुविधा होती है| आपको बैंक में केपिटल गेन से मिले पैसे को रखने में और उस पर टैक्स बचाने के लिए इससे बढ़िया दूसरा विकल्प नहीं |

    केपिटल गेन अकाउंट की बैंक में सुविधा

    केपिटल गेन को बैंक में आप डिपॉजिट करके तब तक रख सकते हैं जब तक आप उस पैसे से दूसरी कोई प्रॉपर्टी ना ले लें | लेकिन ये समय अवधि की समय सीमा अधिकतम 3 साल है|

    आप 3 साल तक के लिए केपिटल गेन अकाउंट डिपॉजिट स्कीम में पैसे रख सकते हैं | इन्हीं तीन सालों में आप उन पैसों से नई प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं| इस दौरान जो भी ब्याज बनेगा उस पर आपको कोई भी टैक्स नहिं देना होगा|

    केपिटल गेन अकाउंट कैसे खोलें

    केपिटल गईं अकाउंट स्कीम में पैसे जमा करने के लिए आपको किसी भी सरकारी बैंक में जाना है| वहाँ पर आपको उनसे ये बात बतानी होगी कि आप केपिटल गेन खाता खुलवाना चाहते हैं|

    केपिटल गेन अकाउंट को आप सेविंग अकाउंट या फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में खोल सकते हैं| इस तरह केपिटल गेन अकाउंट के लिए आपको वही फॉर्म भरना होगा जो आप समान्य सेविंग या फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट को खुलवाने के लिए यूज करते हैं|

    और उसके साथ आपको एक फॉर्म अलग से भरना होगा जिसमें आप अपने कैपिटल गेन के स्रोतों के बारे में बताएंगे|इस फॉर्म को इनकम टैक्स ऐक्ट के तहत भरवाया जाता है|

    SBI Capsgain plus account

    भारतीय स्टेट बैंक में आप केपिटल गेन के लिए SBI Capsgain plus अकाउंट खुलवा सकते हैं|

    SBI में अकाउंट खोलने के लिए आप नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें :

    https://sbi.co.in