Category: लीगल

  • गारंटी और वारंटी के बीच क्या अन्तर है (guaranty aur warranty mein antar in Hindi)

    गारंटी और वारंटी के बीच क्या अन्तर है (guaranty aur warranty mein antar in Hindi)

    सबसे पहले समझते हैं कि गारंटी और वारंटी क्या होते हैं?

    क्यूँ है जरूरी गारंटी या वारंटी

    जब आप कोई प्रोडक्ट मार्केट से खरीदते हैं तब आपको प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी उसकी गुणवत्ता को आश्वस्त करने के लिए कुछ वायदे करती है| गारंटी और वारंटी देने के पीछे ये मकसद रेहता है कि खरीदार उनके प्रोडक्ट पर भरोसा कर सके|

    ग्राहक के मन में कई सवाल उठते है| ग्राहक कोई सामान खरीदने से पहले सोचता है कि वो उसे क्यूँ ले | क्या पता जो ले रहा है उसमे दम है कि नहिं| ऐसी कई अटकलें ग्राहक के मन में रहती है|

    और उन्हीं अटकलों को दूर करने के मकसद से कंपनी after sales service पर जोर देती है अपनी गारंटी और वारंटी देकर| इससे ग्राहक को भरोसा बनता है कि माल बेचकर कंपनी अपना पल्ला नहिं झाड़ेगी|

    गारंटी और वारंटी से ग्राहक और कंपनी के बीच बेहतर सम्बंध बनते हैं|

    गारंटी मतलब या तो पैसे वापस या फिर सामान

    गारंटी का मतलब है कि कंपनी ने आपसे वादा किया कि अगर उनके सामान में कोई भी खराबी आती है तो उसके लिए कंपनी खुद जिम्मेदार होगी और ग्राहक को इसके लिए या तो पैसे वापस कर दिए जाएंगे या फिर कंपनियां अपना सामान की दूसरी प्रति फ्री में ग्राहक को देगी |

    वारंटी का मतलब सामान कि देख-रेख

    वारंटी मतलब कंपनी ने वादा किया है कि सामान खरीदने के बाद भी उसकी देख रेख की जिम्मेदारी कंपनी लेगी| यदि कंपनी के माल में किसी वजह से कोई खराबी आई तो उसके लिए कंपनी या तो फ्री में या फिर डिस्काउंट रेट पर सर्विस देगी|

    जैसे आप जब मोटर साइकिल या कार खरीदते हैं तो आपको कुछ सर्विस फ्री में मिलती हैं और फिर कुछ सर्विस डिस्काउंट पे|

    गारंटी से जुड़ी शर्तें भी होती हैं

    हम अक्सर गारंटी सुनते ही खुश हो जाते हैं मगर हम खुश होने से पहले गारंटी की शर्तों को ध्यान से पढ़ लें | ध्यान से पढ़ने के बाद हमें पता चल जाएगा कि हमें क्या सचमुच वो फायदे मिल रहे हैं जिसके बारे में हम गारंटी समझकर भरोसा कर रहे थे|

    ऐसा हमें इसलिए करना चाहिए क्यूंकि कई बार कंपनी गारंटी शब्द इस्तेमाल तो कर लेती है अगर फिर अपनी शर्तों में ऐसी बातें लिख देती है कि उनकी शर्तें झूठी और खोखली निकालती हैं|

    वारंटी में पैसे वापस नहिं होते और ना ही सामान को वापस लिया जाता है या फिर दिया जाता है|

    वारंटी के नाम पर कंपनी आपको 3 से 4 साल तक का कवर देने का वायदा करती है मगर आपको ये बात समझना जरूरी है कि वारंटी काल में भी यदि कुछ होता है तो जरूरी नहिं कि कंपनी उसको ठीक कर ही देगी| वारंटी में भी नियम और शर्तें लागू होंगी|

    इस तरह चाहे गारंटी हो या वारंटी, आपकी जरूरत हो ही सकते हैं या फिर नहिं| ये इस बात पर निर्भर करेगा कि आप क्या ले रहे हैं और आपको उनकी शर्तों के बारे में पूरी तरह पता है कि नहिं |

    कई बार कम्पनियां extended वारंटी के नाम पर आपको service package बेंच देती है जोकि आपको शायद कोई जरूरत भी नहिं होती| इसलिए ध्यान रखें कि आपको extended वारंटी की जरूरत पड़ने पर आपके कंपनि ने जो वादा किया है वो उसको पूरा कर सके तभी आगे बढ़ें|

  • पावर ऑफ़ अटॉर्नी (POWER OF ATTORNEY in Hindi) क्या होती है

    पावर ऑफ़ अटॉर्नी (POWER OF ATTORNEY in Hindi) क्या होती है

    पावर ऑफ़ अटॉर्नी एक वैधानिक तरीका है अपनी कुछ जिम्मेदारियों या कार्यों के लिए किसी दूसरे को नियुक्त करना और वो अधिकार देना|

    ऐसा कई बार हो सकता है जब हम अपने खुद के कुछ फैसले खुद लेने में असक्षम हों| तब ऐसी स्थिति में आप चाहें तो आप अपने किसी विश्वशनीय को अपने कार्य पावर ऑफ़ अटॉर्नी के जरिये सौंप सकते हैं|

    चलिए इससे पहले कि हम पावर ऑफ़ अटॉर्नी को गहराई से समझें, बात करते हैं आपके फाइनेंसियल डिसीजन्स(decisions) की| कुछ फाइनेंसियल डिसीजन्स हम कई बार लेने में खुद सक्षम नहीं होते| जैसे मान लीजिये आप NRI हैं और आपके बैंक अकाउंट, रियल एस्टेट और investmnets जो देश में हैं उनको सही रूप से मैनेज करने के लिए दिक्कतें आ रही हैं|

    हो सकता है कि आप अपनी प्रॉपर्टी को किराये पर चलाना चाहते हो | आप चाहते हों कि कोई आपकी प्रॉपर्टी को सही दाम पर निकाल सके या फिर कोई जमीन का टुकड़ा जिसको आप किसी को देकर सेल आउट करना चाहते हो| अब क्यूंकि आप विदेश में हैं तो आपके ये फाइनेंसियल डिसीजन्स(decisions) आप खुद ना ले पाएंगे| यदि प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करवानी होगी तो शायद आप समय से पहुँच ना पाएंगे| तब ऐसी स्थिति में आप पावर ऑफ़ अटॉर्नी से किसी विश्वसनीय को अपना कार्य दे सकते हैं|

    ऐसा करने पर आपके काम आसानी से हो जायेंगे|

    पावर ऑफ़ अटॉर्नी क्या होती है:

    पावर ऑफ़ अटॉर्नी एक लीगल दस्तावेज है जब आप अपने कार्य कराने के लिए किसी विश्वसनीय को नियुक्त करना चाहते हों| ऐसा आप किसी भी कार्य या किसी विशेष तरह के कार्यों को करने के लिए नियुक्त कर सकते हैं|

    पावर ऑफ़ अटॉर्नी दो तरह से आप दे सकते हैं|

    1. जनरल पावर ऑफ़ अटॉर्नी (GPOA)
    2. स्पेशल पावर ऑफ़ अटॉर्नी (SPOA)

    जनरल पावर ऑफ़ अटॉर्नी (GPOA)

    जनरल पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी से आप अपने कई सारे कार्य निष्पादित कर सकते हैं| आपके तकरीबन सभी कार्यों के लिए अपने विश्वसनीय को अपने कार्यों का निर्वाहन करने का हक़ दे सकते हैं| जैसे आप चाहें कि आपके सभी व्यवसायिक कार्यों के निर्णय आपका कोई विश्वसनीय ले|

    यदि आप शारीरिक रूप से या किसी और कारण से अपने व्यवसायिक कार्यों का निष्पादन नहीं कर पा रहे तब आप ऐसा निर्णय ले सकते हैं| जो भी आपका विश्वसनीय है वो आपके कार्यों को आपकी निगरानी में स्वतंत्र रूप से निष्पादित कर पायेगा|

    स्पेशल पावर ऑफ़ अटॉर्नी (SPOA)

    स्पेशल पावर ऑफ़ अटॉर्नी से आप अपने चुनिन्दा कार्य निष्पादित करवा सकते हैं| जैसे मान लीजिये आप अपनी जमीन को स्पेशल पावर ऑफ़ अटॉर्नी के जरिये किसी विश्वसनीय को देकर अपने रियल एस्टेट का कार्य करवा सकते हैं|

    कई जगहों पर स्पेशल पावर ऑफ़ अटॉर्नी के जरिये ही जमीन कि खरीद फरोक का काम किया जाता है| ये प्रैक्टिस में है| ऐसे में जमीन के व्यवसायी आपकी जमीन को अच्छे दामों पर मार्किट में बेंचकर आपको अच्चा फायदा करवा सकते हैं|

    पावर ऑफ़ अटॉर्नी कैसे करवाएं

    पावर ऑफ़ अटॉर्नी नियुक्त करने के लिए एक लीगल दस्तावेज तैयार करना होती है| इसकी रूपरेखा तैयार करनी होती है| इस रूप रेखा में सभी नियम और शर्तें लिखी होती हैं|

    आपको पावर ऑफ़ अटॉर्नी नियुक्त करने के लिए stamp paper की जरुरत पड़ेगी| पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी की stamp ड्यूटी राज्य के stamp ड्यूटी की दरों के हिसाब से पे करना होगा|

    आप चाहें तो किसी अच्छे वकील को जो ऐसे पावर ऑफ़ अटॉर्नी के दस्तावेज तैयार करता हो की मदद ले सके हैं| क़ानूनी भाषा लिखने के लिए अच्छी ड्राफ्टिंग की जरुरत पड़ेगी| सैंपल के रूप में चाहें तो आप google करके अलग-अलग तरह के ड्राफ्ट्स देख सकते हैं और अपना ड्राफ्ट तैयार करवा सकते हैं|

    अब पावर ऑफ़ अटॉर्नी से जुड़े कुछ ऐसे सवाल जो अक्सर पूंछे जाते हैं|

    FAQ – पावर ऑफ अटॉर्नी

    Q 1: पावर ऑफ अटॉर्नी कितने लोगों को दिया जा सकता है ?

    आप चाहें तो एक या एक से अधिक व्यक्तियों को नियुक्त कर सकते हैं| और उन सभी की जिम्मेदारियों को तय कर सकते हैं| इसके लिए कोई सीमा नहीं है|

    Q 2: क्या पावर ऑफ़ अटॉर्नी किसी को भी बना सकते हैं?

    हाँ किसी को भी | ध्यान रहे कि वो व्यक्ति 18 साल से ऊपर हो और सोचने-समझने की क्षमता रखता हो|

    Q 3: पावर ऑफ़ अटॉर्नी को रजिस्टर्ड करना जरुरी है क्या?

    जरुरी नहीं| मगर यदि आप इसे रजिस्टर्ड करा लेते हैं तो आपके पावर ऑफ़ अटॉर्नी का वजन बढ़ जायेगा| आप इसे एक ठोस क़ानूनी दस्तावेज के रूप में किसी भी कोर्ट में प्रस्तुत करने में सक्षम रहेंगे|

    Q 4: क्या पावर ऑफ़ अटॉर्नी को बदला या निष्क्रिय किया जा सकता है|

    जी हाँ| आप जब चाहें तब इसमें फेर बदल कर सकते हैं| और जरुरत पड़ने पर इसे cancel या निष्क्रिय कर सकते हैं| इसकी बाध्यता तभी तक होती है जब तक की आप चाहेंगे| इसलिए आपको पावर ऑफ़ अटॉर्नी में समय सीमा निश्चित करने की कोई बाध्यता नहीं है|