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  • सोवरिंन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (Sovereign Gold Bond Scheme in Hindi)

    सोवरिंन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (Sovereign Gold Bond Scheme in Hindi)

    सोवरिंन गोल्ड बॉन्ड स्कीम आपको गोल्ड में निवेश करने का मौका देती है | तो आइये जानें इस गोल्ड बॉन्ड स्कीम के बारे में विस्तार से |

    सोवरिंन गोल्ड बॉन्ड स्कीम क्या है?

    आप बिना गोल्ड खरीदे, गोल्ड की बढ़ती कीमतों का फायदा उठा सकते हैं | आपको गोल्ड में निवेश करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने सोवरिंन गोल्ड बॉन्ड या शॉर्ट में SGB स्कीम सन 2015 से चला रही है |

    सोवरिंन गोल्ड बॉन्ड, गोल्ड की मौजूदा कीमत पर उपलब्ध कराए जाते हैं | इसमे आप गोल्ड खरीदे बगैर गोल्ड के सिर्फ बॉन्ड खरीदकर गोल्ड में निवेश करते हैं |

    इस बात को आसानी से समझने के लिए मान लीजिए कि आप गोल्ड के शेयर खरीदते हैं| शेयर और बॉन्ड पेपर सिक्युरिटी कहलाती हैं| यानी कि आपको एक सर्टिफिकेट इशू किया जाएगा जिसमें पूरे निवेश का ब्यौरा रहेगा | बस!

    सोवरिंन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश की राशि कितनी?

    सोवरिंन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश करने के लिए आपको काम से कम एक ग्राम गोल्ड खरीदना होगा | इसका मतलब यह कि आप एक ग्राम गोल्ड की कीमत के बॉन्ड लेंगे | और अधिकतम आप 4 किलो गोल्ड की कीमत तक निवेश कर सकते हैं |

    कितना रिटर्न

    सोवरिंन गोल्ड बॉन्ड की पहली सीरीज, SGB tranche 1 नवंबर 2015 में आई थी | तब 1 ग्राम गोल्ड बॉन्ड का इशू price रखा गया था : 2684 रुपये! और इसे 4837 रुपये में मई 2021 में close किया गया | देखें तो इस सीरीज में निवेश पर 7.5 % से ऊपर का रिटर्न मिला | इससे आप अंदाजा लागा सकते हैं कि SGB में निवेश करने से आप अच्छा मुनाफा कमा सकेंगे|

    Image Credit : jagoinvestor

    लेकिन 7.5% की ब्याज दर को ही रिटर्न मान लेना गलत होगा क्यूंकि अभी हमने इसके ऊपर मिलने वाले ब्याज और टैक्स में छूट की चर्चा तो कि ही नहिं | आपको सोवरिंन गोल्ड बॉन्ड पर सालाना 2.6 % प्रतिवर्ष की दर से ब्याज मिलेगा | ये ब्याज साल में दो बार आपके बचत खाते में सीधे जमा हो जाएगा |

    क्या कोई टैक्स में छूट मिलेगी?

    इनकम टैक्स में आप सोवरिंन गोल्ड बॉन्ड पर छूट पाएंगे | चूंकि आप इस निवेश को 8 साल ए लिए करते हैं और ये निवेश LTCG( long term capital gain tax) के लिए पात्र है, आपको बिना कोई TDS काटे, संपूर्ण राशि खाते में जमा कर दी जाएगी | इस तरह आपका नेट रिटर्न 10% प्रति वर्श से कहीं ज्यादा हो जाएगा |

    एक और खास बात जो आपको SGB में मिलेगी

    टैक्स में भारी छूट के अलावा एक और खास बात है जो आपको फायदेमंद लगेगी | ये गोल्ड बॉन्ड आपको loan लेने में भी सहायक हैं| आपके SGB के गोल्ड बॉन्ड पर आप 60 से 70 प्रतिशत लोन ले सकते हैं | लोन की मात्रा गोल्ड बॉन्ड की मार्केट वैल्यू से जुड़ी रहेगी |

    निवेश कैसे करें?

    अब समझ लेते हैं कि SGB में निवेश कैसे करें | देखिए इसकी प्रक्रिया बड़ी ही असान है | भारतीयत रिजर्व बैंक SGB को कई चैनल्स से ग्राहक तक पहुंचाती है | सबसे पहले चैनल है : बैंक | जिस भी बैंक में आपका खाता है, आप वहाँ इसे खरीद सकते हैं | आपको एक पन्ने का फॉर्म मिलेगा जिसमें आपको अपनी डिटेल्स और निवेश की डिटेल्स देनी होगी और साइन करना होगा |

    दूसरा तरीका है कि आप इसे अपने demat account में भी खरीद सकते हैं | रिजर्व बैंक series को 7 दिन के लिए open रखती है | आप इन सात दिनों में कभी भी अपने शेयर ब्रोकिंग demat account से असानी से खरीद सकते हैं | demat पर खरीदने से कुछ डिस्काउंट भी मिलता है |

    इसलिए आपके लिए जल्द आ रहा है – अगला tranche अगस्त 22, 2022 से अगस्त 26, 2022| issue price – 5197 रुपये |

  • (UDYAM) उद्यम रजिस्ट्रेशन क्यूँ करवाएं

    (UDYAM) उद्यम रजिस्ट्रेशन क्यूँ करवाएं

    ये बात सही है कि खाली पेट ना भजे गोपाला| इसका मतलब ये होता है कि ईश्वर का स्मरण तभी होता है जब पेट खली ना हो| अर्थात जब हम आर्थिक रूप से जीवन में संपन्न हों|

    हमारे देश में रोजगारी की समस्या प्रचंड है| और इसलिए सभी तंत्र – सरकारी और गैर सरकारी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि देश के युवाओं को रोज़गार मिले| इस सोच को और आगे बढाने के लिए हमारे देश की सरकार ने MSME सेक्टर को develop करने में अच्छी भूमिका निभाई है और निभा रही है|

    इस ब्लॉग पोस्ट में हम जानेंगे कि किस तरह आप यदि कोई किसी तरह का स्माल बिजनेस करते हैं तो किस तरह अपने बिजनेस को भारत सरकार के पोर्टल पर रजिस्टर करा सकते हैं| और रजिस्टर करके कई सारे फायदे (benefits) पा सकते हैं|

    UDYAM रजिस्ट्रेशन :

    उद्यम रजिस्ट्रेशन , अपने व्यापार को रजिस्टर करने का zero cost, no fee और free रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया process है| इसका मतलब ये होता है कि ना तो आपको उद्यम रजिस्ट्रेशन के लिए कोई किसी तरह का शुल्क देना है| यह रजिस्ट्रेशन बिलकुल निशुल्क है|

    देश में अभी तक कुल 72 लाख से ऊपर उद्यम रजिस्टर हो चुके हैं|

    Source Credit: Ministry of Micro, Small and Medium Enterprises

    क्या आपको पता है कि इतनी बड़ी संख्या में उद्यमियों का रजिस्ट्रेशन करने के पीछे क्या कारण है? आइये जानें|

    Udyam रजिस्ट्रेशन क्यूँ?

    बैंक से लोन मिलने में आसानी:

    MSME सेक्टर में हमेशा से सबसे बड़ी प्रॉब्लम जो आती है वो है पूँजी को लेकर| MSME यानि लघु, छोटे और मझोले उद्यम या उद्योग या बिजनेस| ये वो बिजनेस होते हैं जिनकी इकाइयाँ बहुत छोटी होती हैं और इनके लिए फंडिंग जुटाना संभव नहीं है| इसलिए अब सरकार ऐसे बिजनेस को चिन्हित करके यथा संभव आर्थिक मदद दे रही है|

    अब तो बैंकों ने MSME लोन देने के लिए UDYAM रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है| बिना UDYAM रजिस्ट्रेशन के आपको सरकारी द्वारा चलाई योजनाओं में कोई लोन न मिल पायेगा|

    जरूर पढ़ें: MSME सेक्टर

    यदि आप अपना Udyam रजिस्टर कराते हैं तो आप किसी भी बैंक या वित्तीय संसथान से लोन आसानी से पा सकते हैं| बैंक ऐसी इकाइयों को लोन देने के लिए सबसे आगे रहते है|

    कम ब्याज दरों पर बैंक लोन और रियायतें:

    जो udyam अपने आपको UDYAM रजिस्टर कर लेते हैं और बैंक से लोन लेते हैं उन्हें समय समय पर सरकार द्वारा व्याज दरों में डिस्काउंट दिया जाता है| ये डिस्काउंट आपको interest subsidy के रूप में दिया जाता है| interest subsidy का मतलब कि जो भी ब्याज दर होगी उसमे कुछ प्रतिशत घटाकर ब्याज लगेगा|

    आर्थिक माहौल को देखते हुए समय – समय पर सरकार उयामियों को राहत देने के लिए रियायत देने की घोषणा करती है| उन रियायतों के लिए आप तभी पात्र होंगे जब आप का बिजनेस UDYAM रजिस्टर्ड हो|

    Credit Guaranty Scheme का फायदा

    Udyam रजिस्टर्ड बिजनेस जो भी बैंक से लोन लेंगे वो Credit Guaranty Scheme के लिए पात्र होंगे| Credit Guaranty Scheme आपको बिजनेस फेल हो जाने पर मुआवजा दिलवाने में सहयोग देती है जिससे आपका बैंक लोन चुकता हो जाए|

    जरूर पढ़ें: Credit Guaranty Schemes(क्रेडिट गारंटी योजनायें)

    Government Tender में प्राथमिकता

    जो बिजनेस UDYAM रजिस्टर्ड होंगे वो सरकारी टेंडर्स के लिए सबसे पहले चुने जायेंगे| इस तरह सरकार UDYAM रजिस्टर्ड बिजनेस यूनिट्स को प्राथमिकता देगी| तो अगर आप Government Tender में भाग लेते हैं तो आपके चांस बढ़ जायेंगे|

    मोटे तौर पे यही सब प्राथमिकताएं दी जाती है| आने वाले समय में और भी सकारात्मक बातें जुड़ेंगी | MSME सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए देश की आर्थिक नीतियां Ease of doing business के सिद्धांत पर ध्यान दे रही हैं| इस नीति के अंतर्गत बिजनेस करने के लिए आसान और सुगम रास्ते बनाये जा रहे हैं|

    जरूर पढ़ें: Ease of doing business

    UDYAM रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई कैसे करें:

    UDYAM रजिस्ट्रेशन के लिए आपको किसी भी ऑफिस में जाने की जरुरत नहीं है| ये प्रक्रिया पूरी तरह online है| UDYAM रजिस्ट्रेशन के लिए आप नीचे दिए लिंक पर जायें:

    UDYAM REGISTRATION PORTAL

    यहाँ पर होम पेज पर आपको UDYAM रजिस्ट्रेशन का लिंक मिलेगा| कुछ इस तरह:

    UDYAM REGISTRATION in Hindi

    लिंक 1 पर आपको क्लिक करना है| ये लिंक उनके लिए है जो पहली बार अपने बिजनेस को रजिस्टर कर रहे हैं|

    ऐसे उद्यमी जिनका पहले से Udyog Adhaar है , वो लिंक 2 पर क्लिक करें|

    इस लिंक को क्लिक करते ही आपके सामने एक वेब पेज खुलेगा| इस वेब पेज पर आपको अपना adhaar नंबर और पूरा नाम देना है| और आपका adhaar OTP के जरिये verify होगा|

    और फिर आपके सामने PAN verify करने का ऑप्शन दिखेगा| कुल 10 प्रकार के बिजनेस रजिस्टर करा सकते हैं| यदि आप उन दस के बाहर आते हैं तो 11 वा ऑप्शन चुने: “Others”

    UDYAM रजिस्ट्रेशन पोर्टल

    इसके बाद कुल 18 बिन्दुओं पर आपको पोर्टल पर अपनी जानकारी देनी होगी| मैंने वो 20 बिंदु नीचे दे दिए हैं| आप ये जानकारी तैयार कर लें:

    1. क्या आपने पिछले साल ITR फाइल किया है – हाँ / ना
    2. क्या आपके पास GSTIN है – हाँ या ना
    3. मोबाइल नंबर
    4. ईमेल
    5. सोशल केटेगरी – General/SC/ST/OBC
    6. लिंग
    7. क्या आप दिव्यांग हैं – हाँ/ ना
    8. आपके उद्यम का नाम/ इकाई का नाम
    9. इकाई का पता
    10. ऑफिस का पता
    11. उद्यम के स्थापना की तारिख
    12. बैंक डिटेल्स – बैंक का नाम , खाता नंबर और IFSC कोड
    13. इकाई का प्रकार – मेनूफक्चारिंग या सेवा
    14. NIC कोड
    15. आपकी यूनिट में employed लोगों की संख्या
    16. टोटल टर्न ओवर(Total Turnover)
    17. क्या आप Govt e-portal पर रजिस्टर करना चाहते हैं
    18. DIC यानि जिला उद्योग कार्यालय का नाम

    इस तरह इन सभी तरह की जानकारी को आप ready कर लें और फिर फॉर्म भरने बैठें|

    कौन – कौन से सेक्टर UDYAM में शामिल हैं?

    जरुर पढ़ें – MSME सेक्टर

    तीनों :

    विनिर्माण – Manufacturing

    सेवा – Services

    ट्रेडिंग(खरदीना-बेंचना) – Trading

    इस तरह तीनों सेक्टर के उद्यमी अब अपना UDYAM रजिस्ट्रेशन का लाभ ले सकते हैं| हाल ही में Trading को MSME में शामिल कर दिया गया है| अब ट्रेडिंग का बिजनेस करने वाले उद्यमी भी सरकारी योजनाओं का लाभ ले पाएंगे|

    एप्लीकेशन फॉर्म ऑनलाइन fill up करने के बाद आपको तुरंत बाद 19 digit alpha-numeric UDYAM रजिस्ट्रेशन नंबर मिल जायेगा| इस नंबर को लेकर फिर आप अपना UDYAM Registration Certificate प्रिंट कर सकते हैं|

    UDYAM Registration Certificate कुछ इस तरह से दिखता है| और जब आपको अपना UDYAM सर्टिफिकेट मिलेगा तो आपको ख़ुशी का अहसास होगा!

    UDYAM REGISTRATION सर्टिफिकेट कैसे प्रिंट करें

    आप अपने UDYAM Registration Certificate को नीचे दिए निर्देशों के अनुसार बड़ी आसानी से प्रिंट कर सकते हैं:

    Step 1:

    सबसे पहले आप UDYAM की वेबसाइट के होम पेज पर जायें

    या फिर आप सीधे इस URL पर लिंक कर सकते हैं:

    UDYAM REGISTRATION CERTIFICATE

    Step 2:

    अब आपको ये पेज मिलेगा:

    UDYAM रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट प्रिंट स्क्रीन

    Step 3

    अब यहाँ पर आप अपना UDYAM रजिस्ट्रेशन नंबर और मोबाइल नंबर डालें| आपके मोबाइल पर एक OTP आएगा| और जैसे ही आप OTP डालेंगे, आपके सामने आपका UDYAM रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट दिखेगा|

    UDYAM Registration Certificate( in Hindi)

    UDYAM Registration Certificate अपडेट कैसे करें

    अगर आपको बाद में कभी लगे कि आप अपनी कुछ जानकारी अपडेट करना चाहोगे तो उसके लिए भी आप्शन दिया गया है| उसके लिए आप top menu में जायें और Update Details पर क्लिक करें| कुछ इस तरह:

    UDYAM रजिस्ट्रेशन प्रिंट करने के लिए

    इस तरह से आप UDYAM रजिस्ट्रेशन करके अपने बिजनेस को आगे बढ़ा सकते हैं| यदि UDYAM से जुडी और कोई जानकारी आपको चाहिए तो नीचे comments में बताएं|

  • इंसान दिल से अमीर होता है , पैसों से नहीं

    इंसान दिल से अमीर होता है , पैसों से नहीं

    बात उन दिनों कि है जब मैं एक ऐसी बैंक ब्रांच में काम किया करता था जहां पर मैं Mutual Funds को लेकर काफी एग्रेसिव था| मैंने कुछ ही समय पहले अपना AMFI certification पास किया था और मैं ये जान कर बेहद जोश में था कि mutual funds में invest करने से हम अच्छे returns पा सकते हैं|

    उन दिनों मैंने एक ऐसे ग्राहक से मुलाकात की थी जिसने सबसे ज्यादा invest किया था और उनकी वजह से मुझे mutual funds में बेहतरीन performance के लिए इनाम से नवाज़ा भी गया था| इसलिए वो मुझे याद रह गए| मगर जब आप उनकी रोचक कहानी जानेंगे तो आप भी उन्हें याद रखेंगे|

    भाई साब बैंक में अपना कोई छोटा मोटा काम कराने आये थे| उनको शायद पासबुक प्रिंट करानी थी| बैंक में आज भी लोग अपनी पासबुक को लेकर काफी भावुक रहते हैं| और हों भी क्यूँ ना: पासबुक में ही तो सारा हिसाब लिखा रहता है कि बैंक में कितने पैसे जमा हैं|

    जरुर पढ़ें : धन संपत्ति का मनोविज्ञान

    हालाँकि लोगों को अब इन्टरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग जैसे नए तरीके अपनाने चाहिए| सिर्फ अपनी साइबर सुरक्षा का ध्यान रखें|

    तो वो सज्जन अपनी पासबुक लेकर पासबुक प्रिंटिंग काउंटर में गए होंगे| और जब अपनी पासबुक प्रिंट करवाए बिना लौटे तो सीधे मेरे पास आये होंगे| उन्होंने शिकायत की, “सर मेरी पासबुक प्रिंट नहीं हो रही है| वो कहते हैं कि कल आओ|”

    मैंने उनको बिठाया और कहा थोडा रुकिए मैं देखता हूँ| वो बैठ गए शांति से और इंतज़ार करने लगे| मुझे लगा था कि शायद कुछ देर बैठकर चले जायेंगे लेकिन वो वहाँ से टेल नहीं| और वहीँ बैठे रहे|

    काफी देर हो गई मैं एक लोन की फाइल में डूबा हुआ था| जब उस फाइल से बाहर निकला तो होश आया कि मैंने इन सज्जन को रुकने के लिए कह दिया था| और काफी देर हो गई थी| मगर ये तो इस तरह शान्ति से बैठे रहे कि मुझे पता ही नहीं चला| अक्सर बैंकर्स को ऐसे ग्राहक दर्शन को नहीं मिलते|

    जरुर पढ़ें : धन संपत्ति का मनोविज्ञान

    उनके इस व्यवहार ने मेरा मन जीत लिया| मैंने फ़ौरन कहा, “सॉरी सर, वो ज़रा एक लोन कि फाइल में फंस गया था| बताइए क्या काम था?”

    “नहीं सर, कोई बात नहीं!”

    “मुझसे अब उनकी हेल्प किये बिना रहा नहीं गया और मैंने उनसे कहा कि पासबुक प्रिंटिंग तो नहीं हो पा रही लेकिन लाइए मैं आपकी स्टेटमेंट निकलवा देता हूँ|”मेरी इस बात को सुनकर उनका चेहरा चमक उठा| दोनों हाथ जोड़ने लगे!

    मैंने उनकी पासबुक ली और उनको पासबुक प्रिंट करके दे दी| फिर मैंने उनके खुश मिजाज़ को देखते ही सोचा “इनसे भी पूँछ लूँ| हालंकि दिख तो नहीं रहे कि mutual funds के NFO में invest करेंगे|” फिर भी बैंक में रहकर मैंने एक बात सीखी है कि आप किसी को भी कम आंकने की गलती कभी ना करें|

    “सर आप mutual funds में invest करेंगे?”

    वो क्या होता है| उन्होंने हैरान हूकर पूंछा| मैंने फिर उनको mutual funds के बारे में बताया| वो शौनक तो ऐसे रहे थे कि कितना पैसा invest कर देंगे मगर उनकी शकल और वेश भूषा देखर यही लग रहा था कि वो शायद लाख भर भी कर दें तो बड़ी बात होगी| अक्सर ऐसे दिखने वाले ग्राहक अंत में सब कुछ सुनकर यही कहते हैं कि “ठीक है सर, मैं फिर आता हूँ!”

    मगर उन्होंने कहा “ठीक है सर! कर दीजिये!”

    “कितने?” मैंने पूंछा

    जरुर पढ़ें : धन संपत्ति का मनोविज्ञान

    वो बोले कि जितना भी बैंक बैलेंस हो उसमे से 50 हज़ार छोड़कर पूरा लगा दीजिये| तब मैंने सोचा कि चलो इनती मेहनत से बताया तो कुछ तो मिला| फिर मैंने उनसे उनकी पासबुक मांगी और खाता नंबर देखकर उसे अपने सिस्टम में पंच करने लगा| मेरी आखें फटी की फटी रह गईं| क्या आप बता सकते हो वो साधारण से दिखने वाले सज्जन के बैंक अकाउंट में कितने पैसे रहे होंगे|

    27 लाख रुपये|

    जरुर पढ़ें : धन संपत्ति का मनोविज्ञान

    मुझे भरोसा नहीं हुआ| मुझे लगा शायद मैंने गलत अकाउंट नंबर पंच कर दिया है| फिर मैंने चेक किया और नाम भी मैच किया तो पाया कि सब कुछ बिलकुल सही बोले थे हामरे प्रिय ग्राहक| लेकिन मैंने उनसे फिर से रकम पर उनकी मर्ज़ी जाननी चाही और उन्होंने यही कहा “हाँ सर, 26 लाख लगा दीजिये|

    कुछ लोगों को पहचान लेना सह्मुच मुश्किल होता है| बाद में पता चला कि वो सज्जन बिजली बोर्ड में बाबु थे| लेकिन कभी ज़माने में labour category में ad hoc पे चयन हुआ था| कह सकते हैं ठेके पे थे| फिर वो कुछ सालों बाद पक्के में हो गए थे|

    थोडा और वो खुले तो पता चला कि पोश इलाके में उनके पास एक शानदार 3 BHK डुप्लेक्स भी है| मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने कह दिया , “सर आप लगते नहीं कि इतनी प्रॉपर्टी आपके पास होगी| आप रहते कहाँ हो”

    “सर, इसमें शायद आप यही कहना चाह रहे हैं कि मैं इतना सिंपल गाँववाले जैसा क्यूँ रहता हूँ| सरजी मैं कभी मजदूर में भारती हुआ था और ये तो किस्मत है कि मेरे पास इतने पैसे आ गए| मगर मुझे अपना गाँव और वहाँ की देहाती ज़िन्दगी ही पसंद है|”

    और उसके जाते जाते यह पता लगा कि उनका 3 BHK डुप्लेक्स किराए पे उठा हुआ है और वो खुद एक कच्चा मकान में रहते हैं| और इसके लिए उनको कोई शिकायत नहीं| वो वहाँ बेहद ख़ुशी के साथ अपने माँ बाबूजी के साथ रहते हैं|

    तब मैंने उनसे कुछ धन से जुड़े सबक सीखे जो मेरे साथ आज भी हैं:

    जरुर पढ़ें : धन संपत्ति का मनोविज्ञान

    1. ज़िन्दगी में शो ऑफ से आप अमीर नहीं बनते| यदि आपके पास पैसे आयें तो यूज़ invest करें|
    2. invest करने से पीछे ना हटें| उनको जैसे ही मेरी स्कीम समझ आई उन्होंने 26 लाख तुरंत invest कर दिए| हम अपने पैसों से इतना मोह करते हैं कि बार बार सोचते हैं कि नुकसान ना हो जाए| यह नहीं सोचते कि फायदे भी तो हो सकते हैं | यदि रिस्क लेंगे तभी फायदा होगा|
    3. सिंपल लाइफ आजादी और मज़ा दोनों देता है और आपको स्टेटस और आपको इज्ज़त तो जब लोगों को आपकी औकात पता चल जाता है तो मिल ही जाती है|
    4. इसलिए दिखने में नहीं, बनने में ध्यान लगाओ |

    शायद वो अनोखे न होते तो याद न रह जाते| इससे मैंने ये सीखा कि आपकी सादगी आपकी शानों-शौकत से ज्यादा आकर्षक होती है|

  • जीवन प्रमाण (Life Certificate) कैसे जमा करें

    जीवन प्रमाण (Life Certificate) कैसे जमा करें

    क्या आप पेंशन भोगी हैं? क्या आपने जीवन प्रमाण जमा कर दिया?

    आइये धन्संजिवानी के इस ब्लॉग में जीवन प्रमाण के बारे में जानते हैं|

    क्या है जीवन प्रमाण

    जीवन प्रमाण या फिर जिसे life certificate कहते हैं का सम्बन्ध पेंशन भोगियों से है| सभी पेंशन भोगियों को सालाना एक बार बैंक जाकर अपने जीवन का प्रमाण देना जरुरी है|

    पेंशन बैंक खाते में आती है| जिस बैंक में आपकी पेंशन आती है उस बैंक को अपने जीवन का प्रमाण देना आपकी जिम्मेदारी बनती है| इसलिए आपको चाहिए कि साल में एक बार बैंक जाकर अपना जीवन प्रमाण (life certificate) जमा करें|

    जीवन प्रमाण जमा करने से क्या होता है?

    जीवन प्रमाण जमा करने पर आपकी पेंशन नियमित रूप से आपके खाते में आती रहेगी| आपको पेंशन से जुडी कोई दिक्कत नहीं आएगी|

    जब आप अपना जीवन प्रमाण जमा करते हैं तब बैंक को यह बात पता चलती है कि आप जीवित हैं और आपको पेंशन आती रहे| इसलिए पेंशन पाने के लिए जीवन प्रमाण जमा करना बेहद जरुरी है|

    क्या होगा यदि जमा ना करें

    जीवन प्रमाण जमा ना करने पर आपकी पेंशन रोक दी जाती है| और एक बार पेंशन रुक जाए तो यूज़ चालु करवाना टेढ़ी खीर होती है| इसमें आपको कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है|

    पेंशन के अकस्मात रुकने से आपकी पेंशन राशि में भी फरक पड़ सकता है| इसलिए आप इस बात को सुनिश्चित करें कि साल में एक बार अपना जीवन प्रमाण जरूर दें|

    कब जमा करें जीवन प्रमाण

    जीवन प्रमाण जमा करने के लिए देश भर के सभी बैंकों में नवम्बर का महिना निर्धारित है| सभी बैंक आपके जीवन प्रमाण लेने के लिए विशेष व्यवस्थाएं करते हैं| सभी बैंक 1 नवम्बर से जीवन प्रमाण लेते हैं| और ये प्रक्रिया पूरे महीने चालु रहती है|

    कई बार समय सीमा बढ़ा भी दी जाती है| मगर आप यदि नवम्बर महीने में जमा करवा पाते हैं तो इससे बढ़िया और क्या हो सकता है|

    जीवन प्रमाण कैसे जमा करें

    जीवन प्रमाण जमा करने के लिए आपको एक प्रारूप (proforma ) बैंक में दिया जाता है| इस प्रारूप को बैंक से लेकर भर लें| इस प्रारूप को भरने के लिए नीचे लिखे दस्तावेज अपने साथ जरूर रखें:

    1. आधार कार्ड
    2. पैन कार्ड
    3. आपका PPO (पेंशन पेमेंट आर्डर)
    4. और आपकी बैंक पासबुक
    5. आपका मोबाइल नंबर
    6. और एक आपकी लेटेस्ट फोटो

    और इतने दस्तावेज के साथ बैंक में जायें और मांगने पर प्रस्तुत करें|

  • डेबिट कार्ड से Amazon India पर ऑनलाइन शॉपिंग कैसे करें(online shopping at Amazon.in using Debit Card in hindi )

    डेबिट कार्ड से ऑनलाइन शॉपिंग करना आजकल एक आम बात हो गई है| आपका डेबिट कार्ड आपको कैशलेस शॉपिंग करने में हेल्प प्रदान करता है| तो आइये जानते हैं कि हम किस तरह ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते हैं, डेबिट कार्ड को इस्तेमाल करके|

    सबसे पहले आप सुनिश्चित कर लें कि आपके पास नीची लिखी जानकारी और सामान तैयार हों:

    1. आपका डेबिट कार्ड
    2. आपको अपने डेबिट कार्ड का PIN पता होना चाहिए
    3. आपका मोबाइल हैंडसेट जिसपे आपको OTP आएगा

    इसके बाद आप मोबाइल पर या अपने लैपटॉप पर या अपने डेस्कटॉप पर ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते हैं| ऑनलाइन शॉपिंग के लिए एक और चीज़ बहुत जरुरी है: इन्टरनेट कनेक्शन| इसलिए अच्छी speed का इन्टरनेट कनेक्शन जरुर रखें|

    अब आप ऑनलाइन शॉपिंग के लिए तैयार हैं| तो चलिए चलते हैं Amazon.in पर ऑनलाइन शॉपिंग करने के लिए| सबसे पहले आप अपना login id और password डालेंगे और अपने ऑनलाइन अकाउंट में पहुँच जायेंगे| यदि आपका ऑनलाइन login अभी नहीं बना है तो सबसे पहले अपना login id तैयार कर लें|

    Amazon.in पर अपना login तैयार करने के लिए पढ़ें:

    Amazon पर अपनी ID कैसे बनाएं?

    अब चलते हैं Amazon India पर शॉपिंग करने, चलिए:

    STEP 1: अपना आइटम सेलेक्ट करें

    Amazon India पर ऑनलाइन शॉपिंग के लिए बहुत कुछ है| ये दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन वेबसाइट हैं| यहाँ पर आप किसी भी तरह का सामान खरीद सकते हैं| तो सबसे पहले आप अपना आइटम सेलेक्ट कर लें|

    STEP 2: अपने आइटम को कार्ट में add करें

    “Add to Cart” आपको आइटम के नीचे लिखा दिखेगा| उस पर क्लिक करें| एक के बाद एक आइटम सेलेक्ट करते जायें और add to cart करते जायें| जब आपकी शॉपिंग पूरी हो जाए तब आप “Buy Now” को सेलेक्ट करें और उस पर क्लिक करें|

    STEP 3: Payment Method सेलेक्ट करें

    “Buy Now” पर क्लिक करते ही आप दूसरी स्टेज में पहुँच जायेंगे| इस स्टेज में आपको पेमेंट का तरीका सेलेक्ट करना होता है| पेमेंट यानी भुगतान|

    “Debit Card” आप्शन सेलेक्ट करने के लिए थोडा नीचे स्क्रोल करें| आप अगले स्क्रीन पर पहुँच जायेंगे| उस पर आपको आपका नाम, आपका कार्ड नंबर और कार्ड की एक्सपायरी डेट (expiry date) फीड करनी होगी|

    इस तरह आपको अपनी Debit Card से जुडी 3 जानकारी देनी है:

    1. Debit Card होल्डर का नाम
    2. Debit Card का 16 अंकों वाला डेबिट कार्ड नंबर
    3. कार्ड की expiry date

    STEP 4: CVV Code डालें

    अब आपका Debit Card शॉपिंग के लिए Amazon India पर जुड़ जायेगा| बार आपको अपने डेबिट कार्ड को जोड़ने की जरुरत नहीं पड़ेगी|

    अब आपको अगली बार जब भी शॉपिंग करनी हो, आप को सीधे कार्ड लिंक दिखाई देगा| आपको स्क्रोल करने पर अपना डेबिट कार्ड लिंक दिखेगा| कुछ इस तरह:

    अब आपको अपने डेबिट कार्ड का CVV code डालने के लिए आप्शन दिखेगा| तो CVV आपके डेबिट कार्ड के पिछले हिस्से में लिखी 3 अंकों वाली संख्या होती है| आप उस संख्या को यहाँ अंकित कर देंगे|

    STEP 5: OTP

    जैसे ही आप अपना 3 अंकों वाला CVV code एन्टर करेंगे, आपको OTP का आप्शन आ जायेगा| और आपको आपके मोबाइल फ़ोन पर OTP का मेसेज मिलेगा| अब आप वो OTP की संख्या यहाँ पर एन्टर कर दें|

    इस तरह आप 5 steps में अपनी ऑनलाइन शॉपिंग Amazon पर आसानी से कर लेंगे| इसी तरह से आप किसी भी ओंल्निने साईट पर जाकर अपने डेबिट कार्ड से ऑनलाइन स्चोप्पिंग कर सकते हैं|

    यदि कोई समस्या आये तो आप नीचे कमेंट्स में लिख दें| मैं आपकी प्रॉब्लम को सुलझाने की पूरी कोशिश करूँगा|

  • पावर ऑफ़ अटॉर्नी (POWER OF ATTORNEY in Hindi) क्या होती है

    पावर ऑफ़ अटॉर्नी (POWER OF ATTORNEY in Hindi) क्या होती है

    पावर ऑफ़ अटॉर्नी एक वैधानिक तरीका है अपनी कुछ जिम्मेदारियों या कार्यों के लिए किसी दूसरे को नियुक्त करना और वो अधिकार देना|

    ऐसा कई बार हो सकता है जब हम अपने खुद के कुछ फैसले खुद लेने में असक्षम हों| तब ऐसी स्थिति में आप चाहें तो आप अपने किसी विश्वशनीय को अपने कार्य पावर ऑफ़ अटॉर्नी के जरिये सौंप सकते हैं|

    चलिए इससे पहले कि हम पावर ऑफ़ अटॉर्नी को गहराई से समझें, बात करते हैं आपके फाइनेंसियल डिसीजन्स(decisions) की| कुछ फाइनेंसियल डिसीजन्स हम कई बार लेने में खुद सक्षम नहीं होते| जैसे मान लीजिये आप NRI हैं और आपके बैंक अकाउंट, रियल एस्टेट और investmnets जो देश में हैं उनको सही रूप से मैनेज करने के लिए दिक्कतें आ रही हैं|

    हो सकता है कि आप अपनी प्रॉपर्टी को किराये पर चलाना चाहते हो | आप चाहते हों कि कोई आपकी प्रॉपर्टी को सही दाम पर निकाल सके या फिर कोई जमीन का टुकड़ा जिसको आप किसी को देकर सेल आउट करना चाहते हो| अब क्यूंकि आप विदेश में हैं तो आपके ये फाइनेंसियल डिसीजन्स(decisions) आप खुद ना ले पाएंगे| यदि प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करवानी होगी तो शायद आप समय से पहुँच ना पाएंगे| तब ऐसी स्थिति में आप पावर ऑफ़ अटॉर्नी से किसी विश्वसनीय को अपना कार्य दे सकते हैं|

    ऐसा करने पर आपके काम आसानी से हो जायेंगे|

    पावर ऑफ़ अटॉर्नी क्या होती है:

    पावर ऑफ़ अटॉर्नी एक लीगल दस्तावेज है जब आप अपने कार्य कराने के लिए किसी विश्वसनीय को नियुक्त करना चाहते हों| ऐसा आप किसी भी कार्य या किसी विशेष तरह के कार्यों को करने के लिए नियुक्त कर सकते हैं|

    पावर ऑफ़ अटॉर्नी दो तरह से आप दे सकते हैं|

    1. जनरल पावर ऑफ़ अटॉर्नी (GPOA)
    2. स्पेशल पावर ऑफ़ अटॉर्नी (SPOA)

    जनरल पावर ऑफ़ अटॉर्नी (GPOA)

    जनरल पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी से आप अपने कई सारे कार्य निष्पादित कर सकते हैं| आपके तकरीबन सभी कार्यों के लिए अपने विश्वसनीय को अपने कार्यों का निर्वाहन करने का हक़ दे सकते हैं| जैसे आप चाहें कि आपके सभी व्यवसायिक कार्यों के निर्णय आपका कोई विश्वसनीय ले|

    यदि आप शारीरिक रूप से या किसी और कारण से अपने व्यवसायिक कार्यों का निष्पादन नहीं कर पा रहे तब आप ऐसा निर्णय ले सकते हैं| जो भी आपका विश्वसनीय है वो आपके कार्यों को आपकी निगरानी में स्वतंत्र रूप से निष्पादित कर पायेगा|

    स्पेशल पावर ऑफ़ अटॉर्नी (SPOA)

    स्पेशल पावर ऑफ़ अटॉर्नी से आप अपने चुनिन्दा कार्य निष्पादित करवा सकते हैं| जैसे मान लीजिये आप अपनी जमीन को स्पेशल पावर ऑफ़ अटॉर्नी के जरिये किसी विश्वसनीय को देकर अपने रियल एस्टेट का कार्य करवा सकते हैं|

    कई जगहों पर स्पेशल पावर ऑफ़ अटॉर्नी के जरिये ही जमीन कि खरीद फरोक का काम किया जाता है| ये प्रैक्टिस में है| ऐसे में जमीन के व्यवसायी आपकी जमीन को अच्छे दामों पर मार्किट में बेंचकर आपको अच्चा फायदा करवा सकते हैं|

    पावर ऑफ़ अटॉर्नी कैसे करवाएं

    पावर ऑफ़ अटॉर्नी नियुक्त करने के लिए एक लीगल दस्तावेज तैयार करना होती है| इसकी रूपरेखा तैयार करनी होती है| इस रूप रेखा में सभी नियम और शर्तें लिखी होती हैं|

    आपको पावर ऑफ़ अटॉर्नी नियुक्त करने के लिए stamp paper की जरुरत पड़ेगी| पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी की stamp ड्यूटी राज्य के stamp ड्यूटी की दरों के हिसाब से पे करना होगा|

    आप चाहें तो किसी अच्छे वकील को जो ऐसे पावर ऑफ़ अटॉर्नी के दस्तावेज तैयार करता हो की मदद ले सके हैं| क़ानूनी भाषा लिखने के लिए अच्छी ड्राफ्टिंग की जरुरत पड़ेगी| सैंपल के रूप में चाहें तो आप google करके अलग-अलग तरह के ड्राफ्ट्स देख सकते हैं और अपना ड्राफ्ट तैयार करवा सकते हैं|

    अब पावर ऑफ़ अटॉर्नी से जुड़े कुछ ऐसे सवाल जो अक्सर पूंछे जाते हैं|

    FAQ – पावर ऑफ अटॉर्नी

    Q 1: पावर ऑफ अटॉर्नी कितने लोगों को दिया जा सकता है ?

    आप चाहें तो एक या एक से अधिक व्यक्तियों को नियुक्त कर सकते हैं| और उन सभी की जिम्मेदारियों को तय कर सकते हैं| इसके लिए कोई सीमा नहीं है|

    Q 2: क्या पावर ऑफ़ अटॉर्नी किसी को भी बना सकते हैं?

    हाँ किसी को भी | ध्यान रहे कि वो व्यक्ति 18 साल से ऊपर हो और सोचने-समझने की क्षमता रखता हो|

    Q 3: पावर ऑफ़ अटॉर्नी को रजिस्टर्ड करना जरुरी है क्या?

    जरुरी नहीं| मगर यदि आप इसे रजिस्टर्ड करा लेते हैं तो आपके पावर ऑफ़ अटॉर्नी का वजन बढ़ जायेगा| आप इसे एक ठोस क़ानूनी दस्तावेज के रूप में किसी भी कोर्ट में प्रस्तुत करने में सक्षम रहेंगे|

    Q 4: क्या पावर ऑफ़ अटॉर्नी को बदला या निष्क्रिय किया जा सकता है|

    जी हाँ| आप जब चाहें तब इसमें फेर बदल कर सकते हैं| और जरुरत पड़ने पर इसे cancel या निष्क्रिय कर सकते हैं| इसकी बाध्यता तभी तक होती है जब तक की आप चाहेंगे| इसलिए आपको पावर ऑफ़ अटॉर्नी में समय सीमा निश्चित करने की कोई बाध्यता नहीं है|

  • डेबिट कार्ड क्या होता है?(Debit Card kya hota hai in Hindi)

    डेबिट कार्ड क्या होता है?(Debit Card kya hota hai in Hindi)

    आप अपने बैंक अकाउंट से पैसे निकलने के लिए बैंक जाते हैं| मगर बैंक में प्रॉब्लम यह है कि वहां आपको लम्बी लाइन में खडा होना पड़ता है| काउंटर पर काश निकालने के लिए कभी-कभी तो पूरा का पूरा दिन भी लग जाता है|

    तो ऐसे में बैंक ने आपको एक घर बैठे पैसे निकलने की सुविधा प्रदान की है| जी हाँ , आप घर बैठे किसी भी आस पास के ATM मशीन से पैसे निकाल सकते हैं|

    (Debit Card kya hai) डेबिट कार्ड क्या है

    तो चलिए मैं आपो उस सुविधा के बारे में बताता हूँ – डेबिट कार्ड|

    डेबिट कार्ड प्लास्टिक एक प्लास्टिक का कार्ड है जो आपके बैंक अकाउंट से लिंक रहता है| इस कार्ड को इस्तेमाल करके आप अपने बैंक अकाउंट से पैसे निकाल सकते हैं, जमा कर सकते हैं और कई तरह की सेवाओं का लाभ बिना बैंक जाए उठा सकते हैं|

    Debit card की वजह से अब आपको जेब में या थैले में भारी भरकम कैश लेकर चलने की जरूरत नहीं | आपको सिर्फ अपनी पॉकेट में अपना डेबिट कार्ड रखना है और आप जहां भी ATM मशीन हो वहाँ पर अपने डेबिट कार्ड से पैसे निकाल लें|

    बैंकों ने अपने ग्राहकों की भीड़ बैंक में कम करने के लिए और जगह जगह कैश की सेवा देने के लिए ATM मशीनें लगाई हैं| आप चाहें तो उनकी लोकेशन google करके ढूँढ सकते हैं|

    आइए अब जानें कि Debit card कैसा दिखता है|आपका debit card विजिटिंग कार्ड की तरह होता है जो बड़ी असानी से आपकी जेब में या पर्स में आ जायेगा| ये कार्ड प्लास्टिक का बना होता है| कुछ इस तरह –

    डेबिट कार्ड: आगे और पीछे

    इस तरह आप देख सकते हैं कि डेबिट कार्ड के दो सिरे होते हैं – आगे का सिरा और पीछे का सिरा|

    आगे का सिरा:

    आगे के सिरे में आपको अपने बैंक का और अपना नाम छापा हुआ मिलेगा| उसके अलावा डेबिट कार्ड का नंबर, Expiry Date छापा हुआ मिलेगा|

    1. एक्सपायरी डेट(Expiry Date): एक्सपायरी डेट का मतलब ये है कि उस तारिख तक आपका कार्ड वैलिड रहेगा और उसको आप इस्तेमाल कर पाओगे| इसमें महिना और साल दिया होता है| दिन नहीं दिया होता |

    तो इसका मतलब आप ये समझ सकते हैं कि अंकित महीने की अंतिम तारीख तक आपका कार्ड काम करेगा| उसके बाद वो बंद हो जायेगा| और आपको नया कार्ड बैंक से आवेदन करके मंगाना होगा|

    2. कार्ड नंबर: (16 digit card number)

    आपके कार्ड पर आपका बैंक अकाउंट नंबर नहीं होता| आपके कार्ड का एक 16 अंकों वाला नंबर होता है| तो जब आप को कहीं कोई कार्ड नंबर पूछे तो यही 16 अंकों का कार्ड नंबर बताना है|

    3. कार्ड कम्पनी का logo और नाम :

    आगे के सिरे में एक और ख़ास जानकारी दी हुई होती है| वो है कार्ड बनाने वाली कम्पनी का नाम| विदित हो कि डेबिट कार्ड को बैंक नहीं बनाती | डेबिट कार्ड को बनाने वाली कमानी अलग होती है| बैंक सिर्फ कार्ड इशू करता है|

    इसलिए ये जानना जरुरी हो जाता है कि कार्ड किस कम्पनी का है| जब आप atm से पैसा निकालने जाते हैं तो उस atm मशीन में आपके कार्ड पर अंकित logo दिखना चाहिए| इसका मतलब यह होगा कि उस atm मशीन पर आप अपना कार्ड इस्तेमाल कर पाएंगे|

    अगर वो logo या कम्पनी का नाम नहीं दीखता तो मान लीजिये कि आपका डेबिट कार्ड उस atm मशीन पर काम नहीं करेगा|

    पीछे का सिरा (backside of Debit Card)

    आपके डेबिट कार्ड में पीछे की ओर भी महत्त्वपूर्ण जानकारी दी गई होती है|

    1. CVV कोड: प्रत्येक डेबिट कार्ड के पीछे आपको एक तीन अंकों का कोड दिखेगा| ये कोड CVV कोड कहलाता है|

    जब आप किसी भी जगह ( जैसे ऑनलाइन या POS मर्चेंट टर्मिनल पर) कोई पेमेंट करते हैं तब आपको पेमेंट complete करने के लिए CVV कोड देना जरुरी होता है| सो आप ये कोड गोपनीय रखें और किसी को न बताएं|

    2. आपको कार्ड के पीछे एक signature strip दी हुई होती है| इस कार्ड पर आप अपना हस्ताक्षर जरूर करें|

    डेबिट कार्ड के पिछले हिस्से में आपके बैंक का पूरा पता और कांटेक्ट नंबर दिया हुआ होता है| यदि आपको डेबिट कार्ड से जुडी कोई समस्या आती है तो आप उस टोल फ्री नंबर पर कालिंग करके मदद मांग सकते हैं|

    आपकी banking जानकारी को डेबिट कार्ड पर एक chip में या मैग्नेटिक strip में स्टोर किया जाता है| इसलिए ध्यान रहे कि आपके कार्ड को कोई क्षति ना पहुंचे| क्षति पहुँचने पर आपकी बैंकिंग जानकारी मिट जाएगी और आपको नया कार्ड मंगाना होगा|

    डेबिट कार्ड से पैसे कैसे निकालें (Debit card se paise kaise nikalen)

    अब मैं आपको बताता हूँ कि डेबिट कार्ड से आप कैश कैसे निकाल सकते हैं|

    आपके पास जो भी बैंक का डेबिट कार्ड है उसका एक साथ में PIN नंबर भी होता है| ATM मशीन पर पैसे निकालने के लिए डेबिट कार्ड के साथ साथ आपको PIN की भी जरुरत पड़ेगी|

    इसलिए आप सुनिश्चित कर लें कि आपके पास आपके डेबिट कार्ड का PIN जरोर्र हो| यदि नहीं है तो आप अपने बैंक से संपर्क करके मंगा या बना सकते हैं|

    अब आपको मैं बताता हूँ क्रम वार वो सभी स्टेप्स जो आप ATM मशीन पर डेबिट कार्ड से कैशनिकालने के लिए इस्तेमाल करेंगे|

    सबसे पहले तो आपको ATM मशीन तलाशनी है जहां पर आपका डेबिट कार्ड काम करेगा| आमतौर पर आप अपने बैंक का ATM ही ढूंढें| मगर यदि आपके आस पास आपके बैंक का ATM ना हो तो भी कोई बात नहीं| आप किसी दुसरे बैंक का भी ATM इस्तेमाल कर सकते हैं|

    STEP 1:

    सबसे पहले आपको ATM मशीन में अपना कार्ड डीप करना होता है| कुछ मचिनों में आपका कार्ड अन्दर खींच लेता है और कैश निकलने के बाद ही कार्ड बाहर आता है| इसलिए घबराने की कोई बात नहीं|

    STEP 2:

    डेबिट कार्ड को ATM मशीन के स्लॉट में डीप करने के बाद आपको कई सारे विकल्प दिखाई देंगे| आप इन सभी विकल्पों में से कैश निकासी(CASH WITHDRAWAL) का विकल्प चुनेंगे|

    STEP 3:

    फिर आपको PIN एंटर करने के लिए मशीन में विकल्प आएगा| आप अपना PIN एंटर करें|

  • बैंक में अकाउंट होना क्यों है जरुरी :

    बैंक में अकाउंट होना क्यों है जरुरी :

    मैंने पहली बार बैंक में अकाउंट तब खोले जब मैं घर से दूर कॉलेज में पढ़ने बैंगलोर आया|  SBI में पापा का अकाउंट था|  मेरा भी अकाउंट पापाजी ने SBI में ख़ोल दिया |  बड़ी ख़ुशी हुई थी अपनी पासबुक और ATM कार्ड अपने हाथ में लेकर| 

    अब मेरे पास कई सारे बैंक अकाउंट हैं |  मसलन सैलरी अकाउंट, OD-सेविंग्स अकाउंट आदि |  आज कल हममें से अधिकाँश लोगों के पास Bank A /c  होगा।  मगर कभी आपने सोचा है कि बैंक में अकॉउंट होना क्यों ज़रूरी है ? या फिर यूँ कहें कि बैंक में अकाउंट होने के क्या फायदे हैं ?

    आइये इसी पर चर्चा करते हैं और जानते हैं बैंक मैं अकाउंट रख के हम किस तरह इसका भरपूर लाभ उठा सकते हैं | 

    1. आपको पता रहेगा कि आपके पास कितने पैसे हैं ?

       bank अकाउंट का सबसे बड़ा फायदा ये है की आप अपने पैसे एक जगह रख सकते हैं जहाँ उसका          पूरा हिसाब रखा जायेगा| जब आप पैसे निकालेंगे तो आपके अकाउंट में “डेबिट” एंट्री दिखेगी और जब जमा करेंगे तो आपको “क्रेडिट” एंट्री दिखेगी|  इस तरह आपका cashflow आपको पता रहेगा| 

          जिनके पास बैंक में अकाउंट नहीं है उनके लिए पैसे का हिसाब करना एक जटिल समस्या है|   

    1. आपके financial transactions की ट्रैकिंग : 

    बैंक में अकाउंट खोलकर आप अपनी financial transctions को track कर सकते हैं| आजकल ऑनलाइन शॉपिंग का ज़माना है|  ट्रैन में टिकट बुक करना हो या प्लेन में,ऑनलाइन शॉपिंग करनी हो या कोई ऑनलइन कोर्स पढ़ना हो|  आजकल रोज़मर्रा के बहुत सारे काम ऑनलाइन हो रहे हैं|  क्या ये बिना बैंक अकाउंट के संभव है?  बिलकुल नहीं|  इसलिए आपका बैंक में अकाउंट होना अनिवार्य है 

    सरकारी स्कीमों का लाभ उठाने के लिए 

    यदि आपके पास बैंक में अकाउंट नहीं है तो आपकी gas subsidy कहाँ मिलेगी ? आपको gas subsidy प्राप्त करने के लिए बैंक में अकाउंट खुलवाना जरूरी है| जितनी भी govt welfare schemes हैं उनका लाभ लेने के लिए आपको बैंक में अकाउंट खुलवाना जरूरी है 

    लोन प्राप्त करने के लिए 

    यदि आपके पास बैंक में अकाउंट नहीं है तो आपको कोई भी बैंक लोन देने से इंकार कर देगी |  कबि आपने सोचा है कि क्यों?  ऐसा इसलिए कि बैंक में अकाउंट हुए बिना आपकी आर्थिक स्थिति को नहीं समझा जा सकता|  इसलिए आपने शायद गौर किया हो कि आपको  बैंक लोने देने के लिए आपसे आपकी bank statement  मांगती है |

  •  धन संजीवनी पर आपका  स्वागत है |

  • Hello world!

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