Tag: Autodebit

  • ऑटो डेबिट को ना करके अपने खर्चे बचाएं और बचत बढ़ाएं

    आज पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी एक प्रॉब्लम को मैंने सुलझा लिया|  मेरा बिजली का बिल जो आम तौर पर सात सौ रुपये से हज़ार रुपये के बीच में अक्सर आता है वो लाखों में आ गया था कुछ महीनों पहले|  मेरा बिल अमाउंट आया – एक लाख 90 हजार समथिंग(something)|  मैंने फिर  बिजली ऑफिस में बात की तब पता चला की मेरी बिलिंग में गलती हुई है|  मीटर रीडिंग जो 75 यूनिट से 120 यूनिट आती है वो 18000 यूनिट की यूनिट दर्ज कर दी गई थी और उनका हिसाब लाखों में आ गया|  

    अभी अगर मैंने अपने क्रेडिट कार्ड से ऑटो डेबिट लगाया होता तो मैं तो परेशान हो गया होता|  एक बार जब पैसा कट जाता है तो उसको क्लेम करने के लिए कितने पापड़ बेलने पड़ते हैं पूंछो मत |  ये तो मैंने सोच समझ कर ऑटो – डेबिट फैसिलिटी हटा ली है अपने बिल पे सेवाओं से जिसने मुझे बचा लिया|  इसलिए मैं आपको भी यही कहूँगा कि आप भी अपने बिजली का बिल या कोई भी बिल पेमेंट करने से पहले यूज़ जांच परख लें|  शायद अमाउंट इतना बड़ा था जिसने मुझे मजबूर कर दिया यूज़ देखने और उसकी जांच करने को|  अगर यही अमाउंट 500 रुपये बढ़कर भी आता तो शायद मैं इसे नजर अंदाज़ कर देता |  

    इसलिए किसी भी बिल को ऑटो डेबिट से पे करने की बजाई थोडा समय निकालकर पे करें|  सोचिये कुछ सालों पहले हम अपने बिल पे करने के लिए लम्बी लाइन्स में लगा करते थे|  तो क्या अब हम कुछ मिनट निकालकर अपना बिल भी ठीक से नहीं पे कर सकते?  

    ऑटो-डेबिट ना जाने कितने पैसे हमारी जेब से निकालकर दूसरों को थमा देता है हमें पता ही नहीं चलता| OTT के सब्सक्रिप्शन, किसी हेल्थ आप का सब्सक्रिप्शन जो हम शायद कई महीनों से यूज़ नहीं कर रहे फिर भी उसका बिल भरे जा रहे हैं|  शायद महीने दो महीने काटने पर पता न चले मगर यही पैसे जब साल- दो साल कट जाते हैं तो एक अच्छी-खासी रकम का रूप ले लेते हैं|  इसलिए ऑटो-डेबिट मेरे हिसाब से जेब कतरे की तरह है इसे अपनी जेब ना काटने दें|  

    जो भी बिल आप पे करें उनका एक PDF निकाल कर अपने पास डॉक्यूमेंट कर ले|  मैं तो यूज़ प्रिंट कर लेता हूँ और फिलिंग करके रख लेता हूँ|  आप भी कर सकते हैं|  पेपर वर्क आज भी भरोसे और सुकून को पैदा करता है|  ऑटो – डेबिट के कारण जो पैसे कट जाते थे फिजूल में वो अब बच जायेंगे|  इसलिए ऑटो-डेबिट नहीं लगाना सेविंग्स का एक अच्चा तरीका है|  इसे अपनाये|  

    तो आज से ही नो ऑटो-डेबिट फॉर बिल पेमेंट्स|  

    हाँ अगर आपकी लोन्स की किश्त जा रही है तो उसको ऑटो-डेबिट से पे करते रहें|  लोन के कागज तो आपने साइन करके दिए हैं|  अगर ज्यादा पैसे कट भी जाते हाँ तो उसे आप आगे की पेमेंट्स से एडजस्ट भी करवा सकते हैं|  इसलिए लोन में ऑटो-डेबिट को रोकने कि कोई जरुरत नहीं है|  

    हाँ आप ऑटो-डेबिट वहाँ भी करें जहां आपको सेविंग्स करने के मौके मिलें|  जैसे मैंने अपने लिए मुचुअल फंड की SIP ली है और मैं SIP रूट से ही स्टॉक मार्किट में इन्वेस्ट कर रहा हूँ|  SIP के जरिये पैसे फिक्स डेट को बैंक अकाउंट से कटकर मुचुअल फंड में चला जाता है और उतने के यूनिट्स खरीद लिए जाते हैं|  ऐसे ही सैलरी से ही PF कट जाता है| वो भी एक तरह का ऑटो-डेबिट सुविधा ही है|  मैंने अपने PF में एडिशनल PF भी कई साल तक कटवाए|  उसकी बदौलत जब हमारी कंपनी ने नया सैलरी स्ट्रक्चर का ऐलान किया तो मुझे अरीअर्स के रूप में अच्चा खासा पैसा मिला जिसमे ऊपर से ब्याज भी कमा लिया|  

    इसलिए अब हम ये कह सकते हैं कि सेविंग्स को ऑटो-मोड पर रखें और जहां पर खर्च करना हो वहाँ से ऑटो-डेबिट हटा लें|